(ख) संरचना (Structure)- परमाणु में एक केन्द्रीय भाग होता है जिसे नाभिक (nucleus) कहते हैं। नाभिक में प्रोटोन तथा न्यूट्रोन स्थित होते हैं। नाभिक के चारों ओर रिक्त स्थान होता है जिसमें विभिन्न वृत्ताकार (circular) अथवा दीर्घ वृत्ताकार (elliptical)) कक्षाओं (orbits) में इलैक्ट्रोन्स परिक्रमा करते रहते हैं।
(i) प्रोटोन (Proton)- पॉजिटिव चार्ज की इकाई प्रोटोन कहलाती है। इसके चार्ज का मान 1.6x10-19 कूलाम होता है। विभिन्न तत्वों से प्राप्त प्रोटोन सब प्रकार से एक समान होते हैं। ये नाभिक में स्थित रहते हैं और किसी प्रकार की गति नहीं करते। इलैक्ट्रोन की तुलना में प्रोटोन 1845 गुना भारी होता है।
(ii) न्यूट्रोन (Neutron)- यह एक विद्युत उदासीन कण है जो प्रोटोन की भाँति ही नाभिक में स्थित रहता है और किसी प्रकार की गति नहीं करता। एक न्यूट्रोन का भार एक प्रोटोन के भार के लगभग बराबर होता है। विभिन्न तत्वों से प्राप्त न्यूट्रोन सब प्रकार से एक समान होते हैं।
(iii) इलैक्ट्रोन (Electron)- नेगेटिव चार्ज की इकाई इलैक्ट्रोन कहलाती है। इसके चार्ज का मान 1.6 x 10-19 कूलाम अर्थात् प्रोटोन के चार्ज के बराबर होता है, परन्तु विपरीत प्रकार का । विभिन्न तत्वों से प्राप्त इलैक्ट्रोन सब प्रकार से एक समान होते हैं। इनमें दो प्रकार की गति होती है। एक तो नाभिक के चारों ओर परिक्रमा करने की गति, जो कक्षीय-गति (orbital motion) कहलाती है, दूसरी गति ठीक उसी प्रकार की होती है जिस प्रकार एक लट्टू अपनी कीली पर चक्कर काटता है यह गति, चक्रण-गति (spin motion) कहलाती है।
(i) प्रोटोन (Proton)- पॉजिटिव चार्ज की इकाई प्रोटोन कहलाती है। इसके चार्ज का मान 1.6x10-19 कूलाम होता है। विभिन्न तत्वों से प्राप्त प्रोटोन सब प्रकार से एक समान होते हैं। ये नाभिक में स्थित रहते हैं और किसी प्रकार की गति नहीं करते। इलैक्ट्रोन की तुलना में प्रोटोन 1845 गुना भारी होता है।
(ii) न्यूट्रोन (Neutron)- यह एक विद्युत उदासीन कण है जो प्रोटोन की भाँति ही नाभिक में स्थित रहता है और किसी प्रकार की गति नहीं करता। एक न्यूट्रोन का भार एक प्रोटोन के भार के लगभग बराबर होता है। विभिन्न तत्वों से प्राप्त न्यूट्रोन सब प्रकार से एक समान होते हैं।
(iii) इलैक्ट्रोन (Electron)- नेगेटिव चार्ज की इकाई इलैक्ट्रोन कहलाती है। इसके चार्ज का मान 1.6 x 10-19 कूलाम अर्थात् प्रोटोन के चार्ज के बराबर होता है, परन्तु विपरीत प्रकार का । विभिन्न तत्वों से प्राप्त इलैक्ट्रोन सब प्रकार से एक समान होते हैं। इनमें दो प्रकार की गति होती है। एक तो नाभिक के चारों ओर परिक्रमा करने की गति, जो कक्षीय-गति (orbital motion) कहलाती है, दूसरी गति ठीक उसी प्रकार की होती है जिस प्रकार एक लट्टू अपनी कीली पर चक्कर काटता है यह गति, चक्रण-गति (spin motion) कहलाती है।
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